वो school का duster याद है? अरे ! वहीं लकड़ी का टुकड़ा, जिसमें सफ़ेद पट्टी लगी होती थी, जो ब्लैक बोर्ड को मिटाने के काम आती थी और कभी कभी teacher जिसको फेंक कर मारा करते थे। याद आया?
आज एक स्कूल के बाहर से गुज़र रहा था तभी एक बच्ची को ज़ोर ज़ोर से दीवार पर डस्टर पीटते देखा। डस्टर को पीटते हुए, लड़की ने अपनी नाक सिकोड़ रखी थी, धूल से बचना चाहती थी शायद। पर धूल का वो गुबार हमेशा की तरह हाथों और चेहरे सबपर जाकर बैठ गया। बहुत खूबसरत था वो नजारा, मानो एक पल के लिए मै स्कूल लौट गया।डस्टर के साथ कुछ कड़वी यादें भी है, स्कूल के maths teacher Shri Gopal krishna sir एक बार डस्टर से मुझे धोए थे। क्लास को परेशान कर रहा था। खन्ना जी, चांडक, और मै जम कर धोए गए थे। अक्सर पिछली बेंच के बच्चे ही डस्टर से लतियाए जाते थे, खन्ना जी भी डेली ही लात खाते थे, लेकिन उस दिन मेरी बारी थी, सर जी उछल उछल कर मार रहे थे, और मै pokemon की तरह dodge कर रहा था। कमाल का नजारा था। मार खाते हुए खुद मेरी हसी छूट रही थी।
उस दिन को याद करता हूं, तो फिर से स्कूल पहुंच जाता हूं, जैसे की आज।
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